प्रसन्नवदनां सौभाग्यदां भाग्यदां – Prasanna-vadanāṃ saubhāgya-dāṃ

प्रसन्नवदनां सौभाग्यदां भाग्यदां -  Prasanna-vadanāṃ saubhāgya-dāṃ
प्रसन्नवदनां सौभाग्यदां भाग्यदां – Prasanna-vadanāṃ saubhāgya-dāṃ

श्लोक:
प्रसन्नवदनं सौभाग्यदं देवमच्छुतमिच्छितार्थप्रदं च।
श्रेयःकरं सच्चिदानन्दरूपं वन्दे सदा भक्तजनप्रियं तम्॥

🌼 हिंदी में अर्थ (Explanation in Hindi):

प्रसन्नवदनं – जिनका मुख सदा प्रसन्न रहता है।
सौभाग्यदं – जो सौभाग्य (शुभता और समृद्धि) प्रदान करते हैं।
देवम् – जो देवों के भी देव हैं।
अच्छुतम् – जो कभी पतित नहीं होते, सदा अचल और नाशरहित हैं।
इच्छितार्थप्रदं च – जो भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करते हैं।
श्रेयःकरं – जो मोक्ष, शांति और सर्वोच्च कल्याण देने वाले हैं।
सच्चिदानन्दरूपं – जो सत्य (सत्), चैतन्य (चित्) और आनंद (आनन्द) स्वरूप हैं।
वन्दे सदा – मैं सदा वंदना करता हूँ।
भक्तजनप्रियं तम् – जो भक्तों को अत्यंत प्रिय हैं।

🪔 इस श्लोक में भगवान की महिमा का गुणगान किया गया है। यह श्लोक दर्शाता है कि भगवान का चेहरा हमेशा प्रसन्न रहता है, वह हमें शुभता, इच्छा की पूर्ति और आध्यात्मिक कल्याण प्रदान करते हैं। वे सत्य, चेतना और आनंद का स्वरूप हैं और अपने भक्तों को अत्यंत प्रिय हैं।

🌼 English Meaning (Explanation in English):

Prasanna-vadanam – The One with a pleasant and smiling face.
Saubhagya-dam – Who bestows good fortune and prosperity.
Devam – The supreme Divine being.
Achyutam – The infallible one, who never falls or perishes.
Icchitārtha-pradam cha – Who fulfills all righteous desires of devotees.
Shreyah-karam – Who grants ultimate welfare and liberation.
Sat-chid-ānanda-rūpam – Who is the embodiment of Truth (Sat), Consciousness (Chit), and Bliss (Ānanda).
Vande sadā – I always bow down.
Bhakta-jana-priyam tam – To Him who is most beloved to the devotees.

🌺 This shloka glorifies the Lord as ever-smiling, prosperous, the fulfiller of desires, and the embodiment of truth-consciousness-bliss. He is the ultimate well-wisher and deeply beloved to His devotees.

आपका श्लोक देवी लक्ष्मीजी की स्तुति से संबंधित है, और यह एक लोकप्रिय लक्ष्मी स्तुति है जो सौंदर्य, सौभाग्य और अभय देने वाली देवी को नमन करती है। आइए श्लोक को पूरा करते हैं और फिर उसका हिंदी और English explanation भी देते हैं।

🔱 पूर्ण श्लोक (Complete Shloka):

प्रसन्नवदनां सौभाग्यदां भाग्यदां
हस्ताभ्यां अभयप्रदां मणिगणैर्नानाविधैर्भूषिताम्।
पद्मासनस्थितां पद्मवर्णां पद्मां करोत्वश्रियम्
शुभ्रांशुकवृतां शुभ्रवर्णां शुभ्रां यशस्वीं शिवाम्॥

🌼 हिंदी में भावार्थ (Explanation in Hindi):

प्रसन्नवदनां – जिनका मुख प्रसन्न है, मुस्कुराता हुआ।
सौभाग्यदां – जो सौभाग्य (शुभता, समृद्धि) प्रदान करती हैं।
भाग्यदां – जो भाग्य (किस्मत) को भी देती हैं।
हस्ताभ्यां अभयप्रदां – जिनके दोनों हाथों से अभय (निर्भयता) और वरदान प्राप्त होता है।
मणिगणैः नानाविधैः भूषिताम् – जो अनेकों प्रकार के रत्नों से अलंकृत हैं।

पद्मासनस्थितां – जो कमल के आसन पर विराजमान हैं।
पद्मवर्णां – जिनका रंग कमल के समान है।
पद्मां – जो स्वयं कमलस्वरूपा हैं (लक्ष्मी का एक नाम)।
करोतु अश्रियं – वह देवी मुझे समृद्धि प्रदान करें।

शुभ्रांशुकवृतां – जो श्वेत वस्त्र धारण किए हुए हैं।
शुभ्रवर्णां – जिनका रंग उज्जवल, श्वेत है।
शुभ्रां – जो पूर्ण शुभता वाली हैं।
यशस्वीं – जो कीर्ति और यश देने वाली हैं।
शिवाम् – जो मंगलमयी और कल्याणकारी हैं।

📿 भावार्थ:
यह श्लोक देवी लक्ष्मीजी की सुंदरता, शुभता और वरदानी स्वरूप का गुणगान करता है। वे मुस्कुराते हुए मुख वाली, कमल समान सुंदर, रत्नों से सजी, अभय और वरदान देने वाली हैं। शुद्ध वस्त्रों में, शुभ्र वर्ण की देवी समस्त संसार को कीर्ति, सौभाग्य और समृद्धि देती हैं। इस श्लोक में प्रार्थना की गई है कि ऐसी लक्ष्मी देवी मेरी भी रक्षा करें और मुझे भी धन, यश और कल्याण दें।

🌼 English Explanation (Line-by-Line Meaning):

prasanna-vadanāṃ – With a joyful and radiant face,
saubhāgya-dāṃ bhāgya-dāṃ – Who bestows prosperity and fortune,
hastābhyāṃ abhaya-pradāṃ – Who grants fearlessness and blessings with both hands,
maṇi-gaṇair-nānā-vidhaiḥ bhūṣhitām – Adorned with various kinds of precious gems.

padmāsana-sthitāṃ – Seated on a lotus,
padma-varṇāṃ – With a lotus-like complexion,
padmāṃ – She who is known as Padma (another name for Lakshmi),
karotu aśriyam – May she bless me with wealth and fortune.

śubhrāṃśuka-vṛtāṃ – Draped in pure white garments,
śubhra-varṇāṃ – Of pure and radiant complexion,
śubhrāṃ – Pure and auspicious,
yaśasvīṃ – Giver of fame and success,
śivām – The auspicious and benevolent one.

🪔 Essence:
This shloka praises Goddess Lakshmi as the giver of prosperity, luck, fearlessness, and beauty. She is depicted as shining in white, seated on a lotus, and adorned with jewels. The devotee prays to her to bless them with fame, wealth, and overall well-being.

🌸 Full Shloka in English (Transliteration):

Prasanna-vadanāṃ saubhāgya-dāṃ bhāgya-dāṃ
Hastābhyāṃ abhaya-pradāṃ maṇi-gaṇair-nānā-vidhaiḥ bhūṣhitām।
Padmāsana-sthitāṃ padma-varṇāṃ padmāṃ karotu aśriyam
Śubhrāṃśuka-vṛtāṃ śubhra-varṇāṃ śubhrāṃ yaśasvīṃ śivām॥

🌼 Explanation in Hindi (2 Paragraphs):

इस श्लोक में लक्ष्मी माता की सुंदरता और दिव्यता का वर्णन करते हुए उन्हें नमन किया गया है। माता लक्ष्मी को प्रसन्न मुख वाली बताया गया है, जिनका चेहरा हमेशा शांत और मुस्कुराता हुआ होता है। वे सौभाग्य और भाग्य देने वाली हैं, जिनके दोनों हाथों से वरदान और अभय (निर्भयता) प्राप्त होती है। देवी अनेक प्रकार के कीमती रत्नों से सजी हुई हैं, और उनके रूप से तेज, आनंद और कल्याण की अनुभूति होती है। उनका आभूषण और सौंदर्य दिव्य है, जो भक्ति करने वाले को आध्यात्मिक और सांसारिक दोनों प्रकार का सुख देता है।

श्लोक के दूसरे भाग में बताया गया है कि लक्ष्मी माता कमल के आसन पर विराजमान हैं, उनका रंग कमल के समान कोमल और सुंदर है। वे शुभ्र वस्त्रों में आवृत्त हैं और उनका स्वरूप अत्यंत पवित्र है। वे यशस्वी हैं यानी कीर्ति, नाम और सफलता देने वाली हैं, और शिवा हैं यानी कल्याणकारी। इस श्लोक में भक्त यह प्रार्थना करता है कि ऐसी पावन, शुभ्र, सौंदर्य और ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी माता उसे भी समृद्धि, सौभाग्य, यश और शांति प्रदान करें।

prasanna-vadanāṃ saubhāgyadāṃ bhāgyadāṃ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.